बलिया में राजनीतिक भूचाल, नारद ने अपनाया बागी तेवर

बलिया में राजनीतिक भूचाल, नारद ने अपनाया बागी तेवर

बलिया में राजनीतिक भूचाल, नारद ने अपनाया बागी तेवर
 

बलिया में राजनीतिक भूचाल, सपा को लगा तगड़ा झटका, चुनाव पर कितना पड़ेगा असर

बलिया। प्रदेश के पूर्व मंत्री व बलिया सदर के पूर्व विधायक नारद राय ने सोमवार को बगावती तेवर अपनाते हुए फेफना के राम जानकी मंदिर के प्रांगण में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। इसमे उन्होने कार्यकताओं से कहां की नारद राय अपमान के साथ नही रह सकता यदि अखिलेश यादव नारद का नाम छोड़ सकते है तो नारद भी उनको छोड़ सकता है।
26 अक्टूबर को फेफना विधान सभा क्षेत्र के कटरिया में बलिया लोकसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी सनातन पांडे के पक्ष में चुनावी जनसभा को संबोधित करने आए पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के मंच पर अपनी उपेक्षा से नाराज थे।
 मंच से नारद राय का नाम नहीं लिया गया जबकि नारद राय अन्य सपा नेताओं के साथ मंच पर ही विराजमान थे। जनसभा के बाद मीडिया से बात करते हुए नारद राय ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा नाम नहीं लिए जाने पर कहा था कि नाम लेने में अक्सर किसी का नाम छूट जाता है लेकिन लिस्ट में नाम ना होना बलिया के कुछ लोगों की साजिश है। इस बयान के बाद नारद राय की  नाराजगी भी सामने आ गई थी।
सपा के प्रत्याशी के तौर पर समाजवादी पार्टी से सनातन पांडे को बलिया संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी  बनाए जाने के बाद से ही पार्टी के अन्दर सबकुछ ठीक नही चल रहा था। 
पूर्व मंत्री नारद राय पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी के बड़े नेता के तौर पर माने जाते हैं। और चुनाव के महज 5 दिन पहले  नारद राय की नाराजगी  ने बलिया की भूचाल ला दिया है।