Ballia: जब अंग्रेजो ने पूरे परिवार को देखते ही गोली मारने का आर्डर दिया और अमर शहीद को जेल में गोली मार दी

Ballia: जब अंग्रेजो ने पूरे परिवार को देखते ही गोली मारने का आर्डर दिया और अमर शहीद को जेल में गोली मार दी

Ballia: जब अंग्रेजो ने पूरे परिवार को देखते ही गोली मारने का आर्डर दिया और अमर शहीद को जेल में गोली मार दी
जब अंग्रेजो ने पूरे परिवार को देखते ही गोली मारने का आर्डर दिया और अमर शहीद को जेल में गोली मार दी

"शहीद राजकुमार राम " बाघ"

की जीवनी

बलिया। शहीद राजकुमार राम बाघ के पिता का नाम अदालत था । इनका जन्म 1890 में ग्राम सीसोटार थाना व तहसील सिकन्दरपुर, जिला बलिया में हुआ था। यह अपने पिता के इकलौते पुत्र थे। यह 1915 ई. में राष्ट्रीय काग्रेस में भारत की आजादी के लिए शामिल हो गये। 1941 ई. में असहयोग आन्दोलन में भाग लिया, फलतः एक वर्ष का कारावास एवं रू. 40/- जुर्माना हुआ था। राष्ट्रीय कांग्रेस के निर्देशानुसार अंग्रेजों भारत छोड़ो के तहत 1942 ई. में थाना फुंकवाया डाकघर एवं बीज गोदाम लुटवा दिया। फलतः अंग्रेजों ने घर फूक दिया, पूरे परिवार को देखते ही गोली मारने का आर्डर कर दिया। 1942-43 अप्रैल तक भूमि गतरहे। अप्रैल 1943 में जिला जेल बलिया में हाजिर हुए। अंग्रेजी सरकार ने राजद्रोह का अपराध लगाकर जिला जेल बलिया में गोली दी। इनका विवाह 1910 में जमालपुर जिला मुंगेर (बिहार) में हुजा था। इनकी पत्नी का नाम भाग्यमती था। इनके चार पुत्र थे। क्रमशः  शिवनाथ, देवनाथ, जयनाथ, वंशीधर।
शहीद राजकुमार राम 'बाघ' की यह जीवनी जिला जेल में उनकी आदमकद प्रतिमा कें यहाँ लगा हुआ है।